आर्यसमाज का योगदान

  • आर्य समाज शिक्षा, समाज-सुधार एवं राष्ट्रीयता का आन्दोलन था। भारत के ८५ प्रतिशत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, आर्य समाज ने पैदा किया। स्वदेशी आन्दोलन का मूल सूत्रधार आर्यसमाज ही है।
  • स्वामी जी ने धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों को पुन: हिंदू बनने की प्रेरणा देकर शुद्धि आंदोलन चलाया।
  • आज विदेशों तथा योग जगत में नमस्ते शब्द का प्रयोग बहुत साधारण बात है। एक जमाने में इसका प्रचलन नहीं था – हिन्दू लोग भी ऐसा नहीं करते थे। आर्यसमाजियो ने एक-दूसरे को अभिवादन करने का ये तरीका प्रचलित किया। ये अब भारतीयों की पहचान बन चुका है।
  • स्वामी दयानन्द ने हिंदी भाषा में सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक तथा अनेक वेदभाष्यों की रचना की। एक शिरोल नामक एक अंग्रेज ने तो सत्यार्थ प्रकाश को ब्रिटिश साम्राज्य की जड़ें खोखली करने वाला लिखा था।
  • सन् १८८६ में लाहौर में स्वामी दयानंद के अनुयायी लाला हंसराज ने दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज की स्थापना की थी।
  • सन् १९०१ में स्वामी श्रद्धानन्द ने कांगड़ी में गुरुकुल विद्यालय की स्थापना की।